क्या वैज्ञानिक भगवान को मानते है?

क्या वैज्ञानिक भगवान को मानते है? अगर आपके मन मे भी ये सवाल है तो कोई बात नहीं आज इस लेख मे आपको इसके बारे मे संपुण जानकारी मिल जाएगी। इस सवाल को खास तोर पर भारत मे पूछा जाता है। दोस्तो भगवान सब आस्तिकों के श्रद्धा और विश्वाश मे होते है। जोकि भारत देश मे काफी ज्यादा मात्र मे लोगो को भगवान मे आस्था होती है जोकि कोई गलत बात नहीं है। मगर अब हम जानते है की वैज्ञानिक भगवान को मानते है या फिर नहीं।

वैज्ञानिक भगवान को मानते है या फिर नहीं?

दोस्तो भगवान को वैज्ञानिक मानते भी है और नहीं भी उसके दो कारण है। भगवान को वैज्ञानिक एक ऊर्जा के तोर पर देखते है। जिसके बारे मे नीचे इसके बारे मे आसान शब्दो मे जानकारी दी हुई है। और अगर वैज्ञानिक नहीं मानते तो क्यू दोस्तो का कारण अंधश्रद्धा फेलाने वाले लोग और दूसरे कारण भी है।

वैज्ञानिक कैसे मानते है भगवान है?

दोस्तो मेने पहेले ही आपको बता दिया है की भगवान को वैज्ञानिक सिर्फ ऊर्जा के रूप मे मानते है जिसको वैज्ञानिक मानते है की कोई एसी ऊर्जा हे जोकि उनसे परे हे और उसको आज तक कोई वैज्ञानिक समज नहीं पाया और इसेही सायद भगवान की शक्ति कहा जा सकता है। कई एसी घटना पर वैज्ञानिक द्वारा रिसर्च किया जा चुका हे मगर उसके बारेमे कोई जानकारी आज तक कोई वैज्ञानिक खोज नहीं पाया है। तो इसे हम लोग भगवान की शक्ति मान सकते है।

वैज्ञानिक क्यू नहीं मानते की भगवान नहीं है?

वैज्ञानिक लोगो का भगवान को ना मानने का एक मुख्य कारण अंधश्रद्धा ही है मगर उसके अलावा भी कोई चीज अगर वैज्ञानिक ड्राष्टिकोण से साबित नहीं होती तो वैज्ञानिक उसको नहीं मानते इशी तरहा वैज्ञानिक सायद भगवान को मानने से इन्कार करते है।

क्या पृथ्वी पर भगवान है?

अगर पृथ्वी पर कही भगवान हे तो वो पूरी दुनिया मे जो कुदरत हे वही भगवान हे क्यू की ये रचना ही पूरी भगवान के द्वारा बनाई गई हे तो आप ये मान सकते हे की पूरी दुनिया मे भगवान का वास है। और अगर भगवान का कोई स्थान के बारे मे जानकारी दु तो ये अलग-अलग धर्मो और सबकी मान्यता के हिसाब से ये अलग स्थानो पर होगे क्यू की उन धार्मिक स्थानो पर लोगो की आस्था जुड़ी हुई होती है। तो आप इसको एसे मान सकते हे सबसे पहेले भगवान हमारी आस्था और हमारे विश्वाश से है।

भगवान के बारे में विज्ञान क्या कहता है?

भगवान के बारे मे विज्ञान के लोग अलग-अलग तरीके से बाते किया करते हे जेसे की जो सिर्फ विज्ञान के आधार पर बाते करते हे वो सीधा भगवान की बात आते ही इसको इंकार करते हे मगर जो लोग विज्ञान से जुड़े हुए हे और वो थोड़े कुछ आस्थिक हे और उनको किसी भगवान की बात पर कोई विज्ञान के रूप मे कोई जवाब नई मिलता तो वोलों भी मानते हे की कुछ तो एसी शक्ति हे जोकि विज्ञान से भी परे है।

और दोस्तो दुनिया मे किसी भी धर्म की बात करे तो सभी धर्म के इतिहास मे कुछ एसी शक्तियों की बारे मे आपको जरूर जिक्र मिल जाएगाआपको भी ये पता होगा और विज्ञान तो कुछ सदियो से पहेले ही आया हे तो भगवान होने के सबूत और उनसे जुड़े हुए सबूत भी मिलते रहेते हे जोकि कई हजारो साल पुराने होते हे तो उस समय पर विज्ञान को मनाने वाले लोग भी सोच मे पड़ जाते हे क्यू की उस समय पर उसके पास कोई जवाब नई होता।

किस देश में भगवान को नहीं मानते?

मध्य और पूर्वी यूरोपीय पड़ोसी देशों मे कई देशो के द्वारा भगवान को नहीं माना जाता और किसी खास देश की बात करू तो हमारे पड़ोशी देश चीन मे भी भगवान और एसे बाटो को नहीं माना जाता चीन मे ज्यादा तर लोग एसी बातों पर यकीन नई करते मगर चीन मे भी कई लोग उनके धर्म के हिसाब से अलग-अलग मान्यता ओ को मानते है।

लोगो के द्वारा पुछे जाने वाले कूच सवाल

विज्ञान भगवान को क्यों नहीं मानता?

विज्ञान भगवान को इस लिए नहीं मानता क्यू की विज्ञान हमेसा रिसर्च और तथ्यो के आधार रख के किसी भी चीज को मानता इस लिए कई बार विज्ञान भगवान को नहीं मानता।

क्या किसी ने भगवान को देखा है?

इस सवाल का जवाब सिर्फ एक भगवान का भक्त ही दे सकते है। क्यू की हमारे कई पुराने काव्यो मे आपने देखा होगा की भगवान मनुष्य को अपना दिव्य स्वरूप दिखाते है।

क्या अल्बर्ट आइंस्टीन भगवान को मानते थे?

ये काफी अच्छा सवाल हे और मे आपको बता दु की अल्बर्ट आइंस्टीन भगवान को मानते थे क्यू की अल्बर्ट आइंस्टीन अपने पास गीता ग्रंथ रखते थे और उससे कई चीजों को अपने जीवन मे फॉलो करते थे। और साथ ही अल्बर्ट आइंस्टीन अपने धर्म का भी धर्म ग्रंथ रखते थे।

विज्ञान और भगवान में क्या अंतर है?

विज्ञान को कोई भी समज सकता है तथ्यो के आधार पर। मगर भगवान को हर कोई नहीं समज सकता। इस लिए सायद विज्ञान और भगवान में इतना अंतर है।

निष्कर्ष

दोस्तो इस लेख मे मेने वैज्ञानिक क्या मानते हे भगवान के बारे मे इसके बारे मे संपुण जानकारी देने की कोसीस की हुई है। और इसके मुख्य कारण भी आपको बताए हुए है की एक वैज्ञानिक की सोच क्या मानती हे इस विषय मे। तो अगर आपको इस लेख मे कोई भी परेसानी आती है इसको समज ने मे तो अप मुजे बता सकते है।

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