विष्णु जी के 108 नाम | Vishnu Ji Ke 108 Naam

आज भारत मे कई लोग (Vishnu Ji Ke 108 Naam) विष्णु भगवान के 108 नाम के बारे मे जानना चाहते है। इस लिए इस लेख को लिखा गया हे ताकि प्रतिएक मनुष्य विष्णु भगवान के इन 108 नाम को जान पाये। भगवाव विष्णु को इस संसार का पालनहार बताया गया है। और जब-जब धरती पर अधर्म हुआ है तब भगवान विष्णु ने धरती पर मनुष्य रूपी अवतार लिया है। ताकि अधर्म के सामने धर्म को विजय करके धर्म की स्थापना हो। इस प्रकार भगवान विष्णु के कई अवतार और कई लीला की अनुकूल इनके 108 नाम की स्थापना हुई थी।

और इन सभी नाम के अपने अलग अर्थ हे जोकि विष्णु भगवान के द्वारा रचे गए है। तो आज हम सब लोग विष्णु भगवान के 108 नाम की संपुण जानकारी जानेगे।

विष्णु भगवान के 108 नाम

इस लेख को पढ़ ने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इन सभी विष्णु भगवान के 108 नाम का एक बार जाप जरूर करना चाहिए इससे भगवाव हमारे मन और तन को पवित्र करते है। और मन मे एक अलग ही प्रकार की शांति होती है। इन सभी नाम का जाप करने से मनुष्य का कल्याण होता है।

अंकविष्णु भगवान के नामअर्थ
1नारायण:ईश्वर, परमात्मा
2विष्णु:हर जगह विराजमान रहने वाले
3वषट्कार:यज्ञ से प्रसन्न होने वाले
4भूतभव्यभवत्प्रभु:भूत, वर्तमान और भविष्य के स्वामी
5भूतकृत:सभी प्राणियों के रचयिता
6भूतभृत:सभी प्राणियों का पोषण करने वाले
7भाव:सम्पूर्ण अस्तित्व वाले
8भूतात्मा:ब्रह्मांड के सभी प्राणियों की आत्मा में वास करने वाले
9भूतभावन:ब्रह्मांड के सभी प्राणियों का पोषण करने वाले
10पूतात्मा:शुद्ध छवि वाले प्रभु
11परमात्मा:श्रेष्ठ आत्मा
12मुक्तानां परमागति:मोक्ष प्रदान करने वाले
13 अव्यय:हमेशा एक रहने वाले
14पुरुष:हर जन में वास करने वाले
15साक्षी:ब्रह्मांड की सभी घटनाओं के साक्षी
16क्षेत्रज्ञ:क्षेत्र के ज्ञाता
17गरुड़ध्वज:गरुड़ पर सवार होने वाले
18योग:श्रेष्ठ योगी
19योगाविदां नेता:सभी योगियों का स्वामी
20प्रधानपुरुषेश्वर:प्रकृति और प्राणियों के भगवान
21नारसिंहवपुष:नरसिंह रूप धरण करने वाले
22श्रीमान्:देवी लक्ष्मी के साथ रहने वाले
23केशव:सुंदर बाल वाले
24पुरुषोत्तम:श्रेष्ठ पुरुष
25सर्व:संपूर्ण या जिसमें सब चीजें समाहित हों
26शर्व:बाढ़ में सब कुछ नाश करने वाले
27शिव:सदैव शुद्ध रहने वाले
28स्थाणु:स्थिर रहने वाले
29भूतादि:सभी को जीवन देने वाले
30निधिरव्यय:अमूल्य धन के समान
31सम्भव:सभी घटनाओं में स्वामी
32भावन:भक्तों को सब कुछ देने वाले
33भर्ता:सम्पूर्ण ब्रह्मांड के संचालक
34प्रभव:सभी चीजों में उपस्थित होने वाले
35प्रभु:सर्वशक्तिमान प्रभु
36ईश्वर:पूरे ब्रह्मांड पर अधिपति
37स्वयम्भू:स्वयं प्रकट होने वाले
38शम्भु:खुशियां देने वाले
39आदित्य:देवी अदिति के पुत्र
40पुष्कराक्ष:कमल जैसे नयन वाले
41महास्वण:वज्र की तरह स्वर वाले
42अनादिनिधन:जिनका न आदि है एयर न अंत
43धाता:सभी का समर्थन करने वाले
44विधाता:सभी कार्यों व परिणामों की रचना करने वाले
45धातुरुत्तम:ब्रह्मा से भी महान
46अप्रेमय:नियम व परिभाषाओं से परे
47हृषीकेशा:सभी इंद्रियों के स्वामी
48पद्मनाभ:जिनके पेट से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई
49अमरप्रभु:अमर रहने वाले
50विश्वकर्मा:ब्रह्मांड के रचयिता
51मनु:सभी विचार के दाता
52त्वष्टा:बड़े को छोटा करने वाले
53स्थविष्ठ:मुख्य
54स्थविरो ध्रुव:प्राचीन देवता
55अग्राह्य:मांसाहार का त्याग करने वाले
56शाश्वत:हमेशा अवशेष छोड़ने वाले
57कृष्ण:काले रंग वाले
58लोहिताक्ष:लाल आँखों वाले
59प्रतर्दन:बाढ़ के विनाशक
60प्रभूत:धन और ज्ञान के दाता
61त्रिककुब्धाम:सभी दिशाओं के भगवान
62पवित्रां:हृदया पवित्र करने वाले
63मंगलपरम्:श्रेष्ठ कल्याणकारी
64ईशान:हर जगह वास करने वाले
65प्राणद:प्राण देने वाले
66प्राण:जीवन के स्वामी
67ज्येष्ठ:सबसे बड़े प्रभु
68श्रेष्ठ:सबसे महान
69प्रजापति:सभी के मुख्य
70हिरण्यगर्भ:विश्व के गर्भ में वास करने वाले
71भूगर्भ:खुद के भीतर पृथ्वी का वहन करने वाले
72माधव:देवी लक्ष्मी के पति
73मधुसूदन:रक्षक मधु के विनाशक
74ईश्वर:सबको नियंत्रित करने वाले
75विक्रमी:सबसे साहसी भगवान
76धन्वी:श्रेष्ठ धनुष- धारी
77मेधावी:सर्वज्ञाता
78विक्रम:ब्रह्मांड को मापने वाले
79क्रम:हर जगह वास करने वाले
80अनुत्तम:श्रेष्ठ ईश्वर
81दुराधर्ष:सफलतापूर्वक हमला न करने वाले
82कृतज्ञ:अच्छाई- बुराई का ज्ञान देने वाले
83कृति:कर्मों का फल देने वाले
84 आत्मवान:सभी मनुष्य में वास करने वाले
85 सुरेश:देवों के देव
86शरणम:शरण देने वाले
87शर्म:
88विश्वरेता:ब्रह्मांड के रचयिता
89प्रजाभव:भक्तों के अस्तित्व के लिए अवतार लेने वाले
90अह्र:दिन की तरह चमकने वाले
91सम्वत्सर:अवतार लेने वाले
92व्याल:नाग द्वारा कभी न पकड़े जाने वाले
93प्रत्यय:ज्ञान का अवतार कहे जाने वाले
94सर्वदर्शन:सब कुछ देखने वाले
95अज:जिनका जन्म नहीं हुआ
96 सर्वेश्वर:सम्पूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी
97सिद्ध:सब कुछ करने वाले
98सिद्धि:कार्यों के प्रभाव देने वाले
99सर्वादि:सभी क्रियाओं के प्राथमिक कारण
100अच्युत:कभी न चूकने वाले
101वृषाकपि:धर्म और वराह का अवतार लेने वाले
102अमेयात्मा:जिनका कोई आकार नहीं है
103सर्वयोगविनि:सभी योगियों के स्वामी
104वसु:सभी प्राणियों में रहने वाले
105वसुमना:सौम्य हृदय वाले
106सत्य:सत्य का समर्थन करने वाले
107समात्मा:सभी के लिए एक जैसे
108सममित:सभी प्राणियों में असीमित रहने वाले

दोस्तो ये सभी विष्णु भगवान के 108 नाम का स्मरण आपको जीवन मे एक बार तो जरूर करना चाहिए। इससे हमारे मन मे अच्छे स्वभाव और सुख की प्राप्ति होती है।

विष्णु भगवान के 1000 नाम

विष्णु भगवाव के इन सभी 1000 नाम को भी आपको जरूर देखने चाहिए यहा मेने इस विडियो के माध्यम से इसके बारे मे जानकारी दी हुई है। तो आप सब को इन सभी नाम को जानना हे तो आप इस विडियो को जरूर देखे।

सवाल

भगवान विष्णु के कुल कितने नाम है?

भगवान विष्णु के कई सारे नाम हे जिसकी जानकारी यहा इस लेख मे दी गई हे आप इस लेख को पढ़ के इसके बारे मे जानकारी जान सकते है।

हरि के कितने नाम?

हरी के 108 नाम और 1000 नाम है।

विष्णु जी के सहस्त्र नाम कौन कौन से हैं?

विष्णु जी के सहस्त्र नाम 1000 हे जिसकी जानकारी यहा बताई गई है यहा आप इसके बारे मे पूरी जानकारी पढ़ सकते है।

विष्णु भगवान का पूरा नाम क्या है?

विष्णु भगवान के कई सारे नाम हे जिसमे से मुख्य नाम उनके विष्णु, हरी, नारायण है।

निष्कर्ष

इस लेख मे मेने विष्णु भगवान के सभी नाम के बारे मे जानकारी दी हुई है। अगर आपका कोई सवाल हे इस लेख से जुड़ा हुआ तो आप मुजे इसके बारे मे जानकारी दे सकते है। मे आपके सवाल का जवाब देने की कोसिस करुगा। इस लेख को मेने काफी ज्यादा रिसर्च करने के बाद यहा पब्लिश किया हुआ है। इस लेख मे जो भी विष्णु भगवान के नाम बातेये गए है उसको प्रत्येक मनुष्य को पढ़ ना चाहिए।

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