आज मे ब्रह्मा जी के कितने सिर थे (Brahma Ji Ke Kitne Sir The) इस विषय पर बात करुगा। और आपको समजा ने की कोसिस करुगा की सच मे ब्रह्मा जी के कुल कितने सिर थे। और कोन-कोन सी दिशा मे ये सिर देख सकते थे। इन सभी प्रकार की जानकारी आपको आज इस लेख मे मिलेगी। इस लिए आप इस लेख को पूरा पढे।
भारत वर्ष मे सभी लोगो को ये पता हे की ब्रह्मा जी इस सृष्टि के रचेयता है। और इससे जुड़ी भी एक कथा मे आपको इस लेख मे बताने वाला हु।
ब्रह्मा जी के कितने सिर थे?
दोस्तो ब्रह्मा जी के पाच सिर थे और अभी के समय ब्रह्मा जी सिर्फ चार सिर ही है। और इसके पीछे भी एक कहानी है। जिसके बारे मे आपको यहा जानकारी देने वाला हु। जब ब्रह्मा जी ने सतरुपा नाम की स्त्री को बनाया था तब ब्रह्मा जी सतरुपा पर मुग्द हो गए थे और उनके द्वारा बनाए गए सतरुपा को वो सभी दिशा मे से नजर रखे ने लगे और असमेसे ही ब्रह्मा जी ने अपने पाच सिर किए थे जोकि सभी दिशाओ मे सतरूप पर नजर रखते थे।
और ये सभी कृत्य भगवान शिव ने देखा तो उन्हे क्रोध आया और उन्होने ब्रह्मा जी के पाच मे सिर को काट दिया जोकि आसमान मे नजर रखता था। इस कारण वर्ष ब्रह्मा जी का पाचवा सिर नहीं है और आज आइके समय सिर्फ चार सिर है।
और सतरुपा को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जोकि कुछ इस प्रकार है सरस्वती, संध्या और ब्राह्मी जेसे नाम से भी जाना जाता है।
ब्रह्मा जी की संतान कौन थी?
ब्रह्मा जी के संतान की बात करे तो इनकी संतान Pulastya और Atri थी। और अगर वेसे देखा जाये तो ये पूरी दुनिया भगवान ने बनाई हे तो हम सब भी भगवान की ही संतान कहे सकते है।
ब्रह्मा जी की आयु कितनी है?
ब्रह्मा जी की आयु मनुष्य की आयु के हिसाब से ३११.०४ ट्रिलियन वर्षो के तुल्प है। और अगर एक ट्रिलियन वर्ष की जानकारी दु तो ये 110 खरब होत हे इससे आप अनुमान लगा सकते हे की ब्रह्मा जी आयु कितनी ज्यादा हे और अभी तक ब्रह्मा जी आयु 50 वर्ष मानी जा चुकी है।
ब्रह्मा जी के कितने अवतार हुए? | ब्रह्मा के अवतार
ब्रह्मा जी के सात अवतारो के बारे मे यहया मेने जानकारी दी हुई हे तो ये हे ब्रह्मा जी के अवतार वालमिकी, कश्यप, शुक्र, वेद व्यासा, खटा ऋषि, कालिदास, चंद्रा, तो ये थे ब्रह्मा जी के अवतार और इन सभी ब्रह्मा जी के अवतारो के बारे मे आपने जरूर सुना होगा और इन सभी अवतारो की जानकारी ओर बाते आप लोगो ने कई ग्रंथो ओर पुरानो मे सुनी होगी।
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती
ब्रह्मा जी की पूजा इस लिए नई होती क्यू की एक दिन ब्रह्मा जी को और माता सावित्री को एक यग्न मे पुजा करनी थी और उसमे सभी देवो को अपने-अपने धर्म पत्नी के साथ वह यग्न करना था और उस समय माता सावित्री वह मोजूद नई थी तो उनको ब्रह्मा जी के द्वारा संदेश भिजावा दिया गया लेकिन सही समय के हिसाब से माता सावित्री आ नई सकी तो ब्रह्मा जी ने गाय के मुख से गायत्री माता को प्रगट किया और उनसे उस यग्न करने के लिए उनसे विवाह कर लिया और कुछ समय के बाद जब माता सावित्री आती हे तो उनको क्रोध आ जाता हे और वो ब्रह्मा जी को श्राफ दे देते हे की आपकी भूलोक मे कोई भी पूजा नई करेगा। और इस तरहा ब्रह्मा जी को श्राफ मिला और उनकी पूजा कोई नई करता।
इस लेख से जुड़े कुछ आसान सवाल
शिवजी ने ब्रह्मा जी को श्राप क्यों दिया?
ब्रह्मा जी की पत्नी का नाम क्या था?
पुराणों के अनुसार ब्रह्मा के निवास स्थान को क्या कहा जाता है?
ब्रह्मा का 1 दिन कितने वर्ष का होता है
इस लेख मे मेने जो भी जानकारी बताई हुई है वो सभी इंटरनेट से ली गयी हे और कई लोगो का दावा हे की ये सभी जानकारी पुराण मे बताई गयी है। अब इन सभी बात मे कितनी सच्चाई है वो सिर्फ भगवान ही बता सकते है।
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